--- बेटी ---
"बेटी हुई हैं"; सुनकर चेहरे मायूस हो गये |
माँ को सदमा लगा, और समाप्त बेटी के आयुष हो गये ||
ये कहानी किसी घर की नहीं, सिलसिला न थमता था |
पर उस ज़माने में भी, वक़्त तो बदलता था ||
कुछ लोगों ने बेटी को अपनाया, बेटी लक्ष्मी हैं, कहलाया |
बेटी लक्ष्मी का रूप हैं, जाकर सबको बतलाया ||
ये बस एक दिलासा थी , बेटी के जीने की आशा थी |
पर तरकीब ने काम किया, और देखो "जी रही हैं बेटियां" ||
ज़माना अब बदल गया, बेटियों का जादू फिर चल गया |
अब कोई शोक-संताप नहीं, बेटी कोई अभिशाप नहीं ||
तू लक्ष्मी हैं या सरस्वती, ये तो तेरा भाग्य हैं बेटी,
हमारी तो बस बेटी हैं, और हमारा सौभाग्य हैं बेटी ||
मुकेश कुमार भंसाली
१८/९/२०१९
"बेटी हुई हैं"; सुनकर चेहरे मायूस हो गये |
माँ को सदमा लगा, और समाप्त बेटी के आयुष हो गये ||
ये कहानी किसी घर की नहीं, सिलसिला न थमता था |
पर उस ज़माने में भी, वक़्त तो बदलता था ||
कुछ लोगों ने बेटी को अपनाया, बेटी लक्ष्मी हैं, कहलाया |
बेटी लक्ष्मी का रूप हैं, जाकर सबको बतलाया ||
ये बस एक दिलासा थी , बेटी के जीने की आशा थी |
पर तरकीब ने काम किया, और देखो "जी रही हैं बेटियां" ||
ज़माना अब बदल गया, बेटियों का जादू फिर चल गया |
अब कोई शोक-संताप नहीं, बेटी कोई अभिशाप नहीं ||
तू लक्ष्मी हैं या सरस्वती, ये तो तेरा भाग्य हैं बेटी,
हमारी तो बस बेटी हैं, और हमारा सौभाग्य हैं बेटी ||
मुकेश कुमार भंसाली
१८/९/२०१९
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