मासूम मोहब्बत
तेरी शख्सियत का इल्म हैं हमें, एक नज़र भी नज़राना मालूम होता हैं ।
तू वफ़ा की ख्वाहिश हैं, तेरा ख्वाब भी नसीब से नसीब होता हैं ॥
तू हसीं हैं, तू ख़ुशी हैं; तू चेहरे का नूर है ।
तू अश्कों में बहती हैं, तू ही इनका गुरूर है ॥
तू लाखों दिलों की मलिका हैं, हर हसरत में रहती है ।
क़त्ल-ए-आम मचाकर भी, इसे मासूम मोहब्बत कहती हैं ||
मुकेश कुमार भंसाली
१० दिसंबर, २०१४
तेरी शख्सियत का इल्म हैं हमें, एक नज़र भी नज़राना मालूम होता हैं ।
तू वफ़ा की ख्वाहिश हैं, तेरा ख्वाब भी नसीब से नसीब होता हैं ॥
तू हसीं हैं, तू ख़ुशी हैं; तू चेहरे का नूर है ।
तू अश्कों में बहती हैं, तू ही इनका गुरूर है ॥
तू लाखों दिलों की मलिका हैं, हर हसरत में रहती है ।
क़त्ल-ए-आम मचाकर भी, इसे मासूम मोहब्बत कहती हैं ||
मुकेश कुमार भंसाली
१० दिसंबर, २०१४